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UPSC History mains Exam Pattern In Hindi-
अब हम आपको UPSC Geography Exam Pattern In Hindi के बारे विषय के अनुसार बताने वाले है –
- लिखित परीक्षा (Written Exam) –
- INTERVIEW
- दस्तावेज सत्यापन (Document Verification)
Paper | Main Paper | विषय | निशान | समय अवधि |
1. | पेपर VI | History विषय पेपर- I | 250 | |
2. | पेपर VII | History विषय पेपर- II | 250 | 3 घंटे |
कुल | 500 |
- Mains History वैकल्पिक विषय के 2 पेपर होंगे।
- हरेक पेपर में 250 अंक शामिल होंगे, जो कुल मिलाकर 500 अंक के होंगे.
- प्रत्येक पेपर का समय अवधि 3 घंटे है।
- प्रत्येक पेपर में वस्तुनिष्ठ MCQ TYPE के प्रश्न होंगे।
- गलत प्रविष्टि होने पर कोई नकारात्मक अंकन (NO NAGETIVE MARKING) नहीं है।
UPSC History Syllabus In Hindi 2023 PDF Download
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uPSC history optional syllabus in hindi 2023- Paper – 1
UPSC History Syllabus In Hindi 2023 PDF Download ——स्रोत: |
पुरातात्विक स्रोत: अन्वेषण, उत्खनन, पुरालेखविद्या, मुद्राशास्त्र, स्मारक साहित्यिक स्रोत: स्वदेशी: प्राथमिक एवं दवितीयक, कविता, विज्ञान साहित्य, क्षेत्रीय भाषाओं का साहित्य, धार्मिक साहित्य। विदेशी वर्णन : यूनानी, चीनी एवं अरब लेखक |
प्रागैतिहास एवं आद्य इतिहास : |
भौगोलिक कारक, शिकार एवं संग्रहण (पुरापाषाण एवं मध्यपाषाण युग), कृषि का आरंभ (नवपाषाण एवं तामपाषाण युग)। |
UPSC History Syllabus In Hindi 2023 PDF Download —सिंधु घाटी सभ्यता: |
उदगम, काल, विस्तार, विशेषताएं, पतन, अस्तित्व एवं महत्व, कला एवं स्थापत्य। |
महापाषाणयगीन संस्कृतिया: |
सिंध से बाहर पशचारण एवं कृषि संस्कृतियों का विस्तार, सामुदायिक जीवन का विकास, बस्तियां, कृषि का विकास, शिल्पकर्म, मृदभांड एवं लोह उद्योग। |
आर्य एवं वैदिक काल : भारत में आर्यों का प्रसार। |
वैदिक काल : धार्मिक एवं दार्शनिक साहित्य, ऋगवैदिक काल में उत्तर वैदिक काल तक हए रूपांतरण, राजनैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक जीवन, वैदिक युग का महत्व, राजतंत्र एवं वर्ण व्यवस्था का क्रम विकास। |
UPSC History Syllabus In Hindi 2023 PDF Download ——- महाजनपद काल : |
महाजनपदों का निर्माण : गणतंत्रीय एवं राजतंत्रीय, नगर केंद्रों का उद्भव, व्यापार मार्ग, आर्थिक विकास, टंकण (सिक्का ढलाई), जैन धर्म एवं बौद्ध धर्म का प्रसार, मगधों एवं नंदों का उद्भव। ईरानी एवं मकदूनियाई आक्रमण एवं उनके प्रभाव। |
UPSC History Syllabus In Hindi 2023 PDF Download ——– मौर्य सामाज्य : |
मौर्य साम्राज्य की नीव, चंद्रगुप्त, कौटिल्य और अर्थशास्त्र, अशोक, धर्म की संकल्पना, धर्मादेश, राज्य व्यवस्था, प्रशासन, अर्थव्यवस्था; कला, स्थापत्य एवं मूर्तिशिल्प; विदेशी संपर्क) धर्म, धर्म का प्रसार, साहित्य, सामाज्य का विघटन, शंग एवं कण्व। |
उत्तर मौर्य काल (भारत-यूनानी, शक, कुषाण, पश्चिमी क्षत्रप) : |
बाहरी विश्व से संपर्क, नगर-केंद्रों का विकास, अर्थ-व्यवस्था, टंकण, धर्मों का विकास, महायान, सामाजिक दशाएं, कला, स्थापत्य, संस्कृति, साहित्य एवं विज्ञान। |
प्रारंभिक राज्य एवं समाज; पूर्वी भारत, दकन एवं दक्षिण भारत में : |
खारबेल, सातवाहन, संगमकालीन तमिल राज्य, प्रशासन, अर्थव्यवस्था, भूमि-अनुदान, टंकण, व्यापारिक श्रेणियां एवं नगर केंद्र, बौदध केंद्र, संगम साहित्य एवं संस्कृति, कला एवं स्थापत्य। |
गुप्त वंश, वाकाटक एवं वर्धन वंश : |
राज्य व्यवस्था एवं प्रशासन, आर्थिक दशाएं, गुप्तकालीन टंकण, भूमि, अनुदान, नगर केंद्रों का पतन, भारतीय सामंतशाही, जाति प्रथा, स्त्री की स्थिति, शिक्षा एवं शैक्षिक संस्थाएं, नालंदा, विक्रमशिला एवं बल्लभी, साहित्य, विज्ञान साहित्य, कला एवं स्थापत्य। |
UPSC History Syllabus In Hindi 2023 PDF Download — गुप्तकालीन क्षेत्रीय राज्य : |
कदंबवंश, पल्लवंश, बदमी का चालक्यवंश, राज्य व्यवस्था एवं प्रशासन, व्यापारिक श्रेणियां, साहित्य, वैष्णव एवं शैल धर्मों का विकास, तमिल भक्ति आंदोलन, शंकराचार्य, वेदांत, मंदिर संस्थाएं एवं मंदिर स्थापत्य, पाल वंश, सेन वंश, राष्ट्रकट वंश, परमार वंश, राज्य व्यवस्था एवं प्रशासन, सांस्कृतिक पक्ष, सिंध के अरब विजेता, अलबरूनी, कल्याण का चालुक्य वंश, चोल वंश; होयशल वंश, पांड्य वंश, राज्य व्यवस्था एवं प्रशासन, स्थानीय शासन, कला एवं स्थापत्य का विकास, धार्मिक संप्रदाय, मंदिर एवं मठ संस्थाएं; अग्रहार वंश, शिक्षा एवं साहित्य, अर्थव्यवस्था एवं समाज। |
प्रारंभिक भारतीय सांस्कृतिक इतिहास के प्रतिपाद्य : |
भाषाएं एवं मूलग्रंथ, कला एवं स्थापत्य के क्रम विकास के प्रमुख चरण, प्रमुख दार्शनिक चिंतक एवं शाखाएं, विज्ञान एवं गणित के क्षेत्र के विचार। |
प्रारंभिक मध्यकालीन भारत, 750-1200 : |
· राज्य व्यवस्था: उत्तरी भारत एवं प्रायद्वीप में प्रमुख राजनैतिक घटनाक्रम, राजपूतों का उदगम एवं उदय। · चोल वंश : प्रशासन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं समाज · भारतीय सामंतशाही · कृषि अर्थव्यवस्था एवं नगरीय बस्तियां · व्यापार एवं वाणिज्य · समाज: ब्राहम्ण की स्थिति एवं नई सामाजिक व्यवस्था · स्त्री की स्थिति · भारतीय विज्ञान एवं प्रौदयोगिकी |
भारत की सांस्कृतिक परंपरा, 750-1200 : . |
· दर्शन: शंकराचार्य एवं वेदांत, रामानुज एवं विशिष्टाद्वैत, मध्य एवं ब्रह्म-मीमांसा। · धर्मः धर्म के स्वरुप एवं विशेषताएं, तमिल भक्ति, संप्रदाय, भक्ति का विकास,इस्लाम एवं भारत में इसका आगमन, सूफी मत। · साहित्यः संस्कृत साहित्य, तमिल साहित्य का विकास, नवविकासशील भाषाओं का साहित्य, कल्हण की राजतरंगिणी, अलबरूनी का इंडिया। · कला एवं स्थापत्य : मंदिर स्थापत्य, मूर्तिशिल्प, चित्रकला। |
UPSC History Syllabus In Hindi 2023 PDF Download ——— तेरहवीं शताब्दी : . |
· दिल्ली सल्तनत की स्थापना : गोरी के आक्रमण- गोरी की सफलता के पीछे कारक · आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिणाम · दिल्ली सल्तनत की स्थापना एवं प्रारंभिक तुर्क सुल्तान · सुदृढ़ीकरण : इल्तुमिश और बलबन का शासन। |
UPSC History Syllabus In Hindi 2023 PDF Download —– चौदहवीं शताब्दी : |
· खिलजी क्रांति। . · अलाउददीन खिलजी. विज्ञान एवं क्षेत्र-प्रसार, कृषि एवं आर्थिक उपाय। · मुहम्मद तुगलकः प्रमुख प्रकल्प, कृषि उपाय, मुहम्मद तुगलक की अफसरशाही। · फिरोज तुगलक : कृषि उपाय, सिविल इंजीनियरी एवं लोक निर्माण में उपलब्धियां, दिल्ली। · सल्तनत का पतन, विदेशी संपर्क एवं इब्नबतूता का वर्णन। |
तेरहवीं एवं चौदहवीं शताब्दी का समाज, संस्कृति एवं अर्थव्यवस्था : |
· समाज, ग्रामीण समाज की रचना, शासी वर्ग, नगर निवासी, स्त्री, धार्मिक वर्ग,सल्तनत के अंतर्गत जाति एवं दास प्रथा, भक्ति आंदोलन, सूफी आंदोलन। · संस्कृति : फारसी साहित्य, उत्तर भारत की क्षेत्रीय भाषाओं का साहित्य, दक्षिण भारत की भाषाओं का साहित्य, सल्तनत स्थापत्य एवं नए स्थापत्य रुप, चित्रकला, सम्मिश्र संस्कृति का विकास। · अर्थ व्यवस्थाः कृषि उत्पादन, नगरीय अर्थव्यवस्था एवं कृषितर उत्पादन का उद्भव, व्यापार एवं वाणिज्य। |
पंद्रहवीं एवं प्रारंभिक सोलहवीं शताब्दी- राजनैतिक घटनाक्रम एवं अर्थव्यवस्था : |
· प्रांतीय राजवंशों का उदय. बंगाल, कश्मीर (जैनुल आबदीन), गुजरात, मालवा, बहमनी। · विजयनगर साम्राज्य। · लोदीवंश। · मुगल साम्राज्य, पहला चरण, बाबर एवं हुमायूँ। · सूर सामाज्य, शेरशाह का प्रशासन। · पुर्तगाली औपनिवेशिक प्रतिष्ठान। |
पंद्रहवीं एवं प्रारंभिक सोलहवीं शताब्दी : समाज एवं संस्कृति : |
· क्षेत्रीय सांस्कृतिक विशिष्टताएं। · साहित्यिक परंपराएं। · प्रांतीय स्थापत्य। · विजयनगर सामाज्य का समाज, संस्कृति, साहित्य और कला। |
uPSC history optional syllabus in hindi——- अकबर : |
· विजय एवं साम्राज्य का सुदृढ़ीकरण। · जागीर एवं मनसब व्यवस्था की स्थापना। · राजपूत नीति। · धार्मिक एवं सामाजिक दृष्टिकोण का विकास, सुलह-ए-कुल का सिद्धांत एवं धार्मिक नीति। · कला एवं प्रौद्योगिकी को राज-दरबारी संरक्षण। |
सत्रहवीं शताब्दी में मुगल सामाज्य : |
·जहांगीर, शाहजहाँ एवं औरंगजेब की प्रमुख प्रशासनिक नीतियां ·सामाज्य एवं जमींदार ·जहांगीर, शाहजहां एवं औरंगजेब की धार्मिक नीतियां ·मुगल राज्य का स्वरूप ·उत्तर सत्रहवीं शताब्दी का संकट एवं विद्रोह ·अहोम सामाज्य ·शिवाजी एवं प्रारंभिक मराठा राज्य |
सोलहवीं एवं सत्रहवीं शताब्दी में अर्थव्यवस्था एवं समाज : |
· जनसंख्या, कृषि उत्पादन, शिल्प उत्पादन · नगर, डच, अंग्रेजी एवं फ्रांसीसी कंपनियों के माध्यम से यूरोप के साथ वाणिज्य, व्यापार क्रांति · भारतीय व्यापारी वर्ग, बैंकिंग, बीमा एवं ऋण प्रणालियां · किसानों की दशा, स्त्रियों की दशा · सिख समुदाय एवं खालसा पंथ का विकास |
uPSC history optional syllabus in hindi — मुगल सामाज्यकालीन संस्कृति : |
· फारसी इतिहास एवं अन्य साहित्य · हिंदी एवं अन्य धार्मिक साहित्य · मुगल स्थापत्य · मुगल चित्रकला · प्रांतीय स्थापत्य एवं चित्रकला · शास्त्रीय संगीत · विज्ञान एवं प्रौदयोगिकी |
अठारहवीं शताब्दी : |
· मुगल साम्राज्य के पतन के कारक · क्षेत्रीय सामंत देश, निजाम का दकन, बंगाल, अवध · पेशवा के अधीन मराठा उत्कर्ष · मराठा राजकोषीय एवं वित्तीय व्यवस्था · अफगान शक्ति का उदय, पानीपत का युदध-1761 . · ब्रिटिश विजय की पूर्व संध्या में राजनीति, संस्कृति एवं अर्थव्यवस्था की स्थिति |
uPSC history optional syllabus in hindi 2023- Paper – 2
भारत में यूरोप का प्रवेश : |
प्रारंभिक यूरोपीय बस्तियां, पुर्तगाली एवं डच, अंग्रेजी एवं फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनियां; आधिपत्य के लिए उनके युद्ध, कर्नाटक युदध, बंगाल – अंग्रेजों एवं बंगाल के नवाब के बीच संपर्क, सिराज और अंग्रेज, प्लासी का युदध, प्लासी का महत्व। |
भारत में ब्रिटिश प्रसार : |
बंगाल- मीर जाफर एवं मीर कासिम, बक्सर युद्ध, मैसूर, मराठा, तीन अंग्रेज – मराठा युद्ध, पंजाब |
ब्रिटिश राज्य की प्रारंभिक संरचना : |
प्रारंभिक प्रशासनिक संरचना, वैधशासन से प्रत्यक्ष नियंत्रण तक, रेगुलेटिंग एक्ट(1773); पिट्स इंडिया एक्ट (1784); चार्टर एक्ट (1833); मुक्त व्यापार का स्वर एवं ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन का बदलता स्वरुप, अंग्रेज़ी उपयोगितावादी और भारत। |
ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन का आर्थिक प्रभाव : |
(क) ब्रिटिश भारत में भूमि – राजस्व, बंदोबस्त, स्थायी बंदोबस्त, रैयतवारी बंदोबस्त महलवारी बंदोबस्त, राजस्व प्रबंध का आर्थिक प्रभाव, कृषि का वाणिज्यीकरण, भूमिहीन कृषि श्रमिकों का उदय, ग्रामीण समाज का परिक्षीणन। (ख) पारंपरिक व्यापार एवं वाणिज्य का विस्थापन, अनौदयोगीकरण; पारंपरिक शिल्प की अवनति, धन का अपवाह, भारत का आर्थिक रुपांतरण, टेलीग्राफ एवं डाक सेवाओं समेत रेल पथ एवं संचार जाल, ग्रामीण भीतरी प्रदेश में दुर्भिक्ष एवं गरीबी, यूरोपीय व्यापार उद्यम एवं इसकी सीमाएं। |
सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास : |
स्वदेशी शिक्षा की स्थिति, इसका विस्थापन, प्राच्चविद्-आंग्लविद् विवाद, भारत में पश्चिमी शिक्षा का प्रारुर्भाव, प्रेस, साहित्य एवं लोकमत का उदय, आधुनिक मातृभाषा साहित्य का उदय, विज्ञान की प्रगति, भारत में क्रिश्चियन मिशनरी के कार्यकलाप। |
बंगाल एवं अन्य क्षेत्रों में सामाजिक एवं धार्मिक सधार आंदोलन : |
राममोहन राय, ब्रह्म आंदोलन, देवेन्द्रनाथ टैगोर, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, युवा बंगाल आंदोलन, दयानंद सरस्वती, भारत में सती, विधवा विवाह, बाल विवाह आदि समेत सामाजिक सुधार आंदोलन, आधुनिक भारत के विकास में भारतीय पुनर्जागरण का योगदान, इस्लामी पुनरुद्वारवृत्ति – फराइजी एवं वहाबी आंदोलन। |
ब्रिटिश शासन के प्रति भारत की अनुक्रिया : |
रंगपुर ढींग (1783), कोल विद्रोह (1832), मालाबार में मोपला विद्रोह (1841-1920), सन्थाल हल (1855), नील विद्रोह (1859-60), दकन विप्लव (1875) एवं मुंडा उल्गलान (1899-1900) समेत 18वीं एवं 19वीं शताब्दी में हुए किसान आंदोलन एवं जनजातीय विप्लव, 1857 का महाविद्रोह-उदगम, स्वरुप, असफलता के कारण, परिणाम, पश्च 1857 काल में किसान विप्लव के स्वरुप में बदलाव, 1920 और 1930 के दशकों में हए किसान आंदोलन। |
भारतीय राष्ट्रवाद के जन्म के कारक : |
संघों की राजनीति, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बुनिवाद, कांग्रेस के जन्म के संबंध में सेफ्टी वाल्व का पक्ष; प्रारंभिक कांग्रेस के कार्यक्रम एवं लक्ष्य, प्रारंभिक कांग्रेस नेवृत्व की सामाजिक रचना; नरम दल एवं गरम दल, बंगाल का विभाजन (1905); बंगाल में स्वदेशी आंदोलन, स्वदेशी आंदोलन के आर्थिक एवं राजनैतिक परिप्रेक्ष्य, भारत में क्रांतिकारी उग्रपंथ का आरंभ। |
गांधी का उदय : |
गांधी के राष्ट्रवाद का स्वरुप, गांधी का जनाकर्षण, रोलेट सत्याग्रह, खिलाफत आंदोलन, असहयोग आंदोलन, असहयोग आंदोलन समाप्त होने के बाद में सविनय अवज्ञा आंदोलन के प्रारंभ होने तक की राष्ट्रीय राजनीति, सविनय अवज्ञा आंदोलन के दो चरण, साइमन कमीशन, नेहरु रिपोर्ट, गोलमेज परिषद, राष्ट्रवाद और किसान आंदोलन, राष्ट्रवाद एवं श्रमिक वर्ग आंदोलन, महिला एवं भारतीय युवा और भारतीय राजनीति में छात्र (1885-1947); 1937 का चुनाव तथा मंत्रालयों का गठन, क्रिप्स मिशन, भारत छोड़ो आंदोलन, वैरेल योजना, कैबिनेट मिशन। |
uPSC history optional syllabus in hindi ———- औपनिवेशिक : |
भारत में 1958 और 1935 के बीच सांविधानिक घटनाक्रम। |
राष्ट्रीय आंदोलन की अन्य कड़ियां : |
क्रांतिकारी, बंगाल, पंजाब, महाराष्ट्र, य.पी., मद्रास प्रदेश, भारत से बाहर, वामपंथ, कांग्रेस के अंदर का वाम पक्ष, जवाहर लाल नेहरु, सुभाष चंद्र बोस, कांग्रेस समाजवादी पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, अन्य वामदल। |
अलगाववाद की राजनीति : |
मुस्लिम लीग, हिन्दू महासभा, सांप्रदायिकता एवं विभाजन की राजनीति, सत्ता का हस्तांतरण, स्वतंत्रता। |
एक राष्ट्र के रूप में सुदृढ़ीकरण : |
नेहरु की विदेशी नीति, भारत और उसके पड़ोसी (19471964) राज्यों का भाषावाद पुनर्गठन (1935-1947); क्षेत्रीयतावाद एवं क्षेत्रीय असमानता, भारतीय रियासतों का एकीकरण, निर्वाचन क राजनीति में रियासतों के नरेश (प्रिंस); राष्ट्रीय भाषा का प्रश्न। |
1947 के बाद जाति एवं नृजातित्व : |
उत्तर-औपनिवेशिक निर्वाचन-राजनीति में पिछड़ी जातियां एवं जनजातियां, दलित आंदोलन। |
आर्थिक विकास एवं राजनैतिक परिवर्तन : |
भूमि सुधार, योजना एवं ग्रामीण पुनर्रचना की राजनीति, उत्तर औपनिवेशिक भारत में पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण नीति, विज्ञान की तरक्की । |
प्रबोध एवं आधुनिक विचार : |
(i) प्रबोध के प्रमुख विचार; कांट, रुसो (ii) उपनिवेशों में प्रबोध – प्रसार (iii) समाजवादी विचारों का उदय (मार्क्स तक); मार्क्स के समाजवाद का प्रसार |
आधुनिक राजनीति के मूल स्रोत : |
(i) यूरोपीय राज्य प्रणाली (ii) अमेरिकी क्रांति एवं संविधान (iii) फ्रांसिसी क्रांति एवं उसके परिणाम, 1789-1815 (iv) अब्राहम लिंकन के संदर्भ के साथ अमरीकी सिविल युदध एवं दासता का उन्मूलन। (v) ब्रिटिश गणतंत्रात्मक राजनीति, 1815-1850; संसदीय सुधार, मुक्त व्यापारी, चार्टरवादी। |
uPSC history optional syllabus in hindi– औद्योगीकरण : |
(i) अंग्रेजी औद्योगिक क्रांति. कारण एवं समाज पर प्रभाव (ii) अन्य देशों में औद्योगिकरण, यू.एस.ए., जर्मनी, रुस, जापान | (iii) औद्योगीकरण एवं भूमंडलीकरण |
uPSC history optional syllabus in hindi — राष्ट्र राज्य प्रणाली: |
(i) 19वीं शताब्दी में राष्ट्रवाद का उदय (i) राष्ट्रवाद : जर्मनी और इटली में राज्य निर्माण (iii) पूरे विश्व में राष्ट्रीयता के आविर्भाव के समक्ष साम्राज्यों का विघटन |
सामाज्यवाद एवं उपनिवेशवादः |
(i) दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व एशिया (ii) लातीनी अमरीका एवं दक्षिण अफ्रीका (iii) आस्ट्रेलिया (iv) सामाज्यवाद एवं मुक्त व्यापारः नव साम्राज्यवाद का उदय |
uPSC history optional syllabus in hindi —— क्रांति एवं प्रतिक्रांति : |
(i) 19वीं शताब्दी यूरोपीय क्रांतियां (ii) 1917-1921 की रुसी क्रांति (iii) फासीवाद प्रतिक्रांति, इटली एवं जर्मनी (iv) 1949 की चीनी क्रांति |
uPSC history optional syllabus in hindi — विश्व युद्ध: |
(i) संपूर्ण युद्ध के रूप में प्रथम एवं दधितीय विश्व युद्धः समाजीय निहितार्थ (ii) प्रथम विश्व युद्ध : कारण एवं परिणाम (iii) द्धितीय विश्व युद्ध : कारण एवं परिणाम |
द्धितीय विश्व युद्ध के बाद का विश्व : |
(i) दो शक्तियों का आविर्भाव (ii) तृतीय विश्व एवं गुटनिरपेक्षता का आविर्भाव (iii) संयुक्त राष्ट्र संघ एवं वैश्विक विवाद |
औपनिवेशिक शासन से मुक्ति : |
(i) लातीनी अमरीका-बोलीवर (ii) अरब विश्व-मिश्र (iii) अफ्रीका-रंगभेद से गणतंत्र तक (iv) दक्षिण पूर्व एशिया-वियतनाम |
वि-औपनिवेशीकरण एवं अल्पविकास : |
विकास के बाधक कारक लातीनी अमरीका, अफ्रीका |
uPSC history optional syllabus in hindi — यूरोप का एकीकरण : |
(i) युद्धोत्तर स्थापनाएं NATO एवं यूरोपीय समुदाय (यूरोपियन कम्युनिटी) (ii) यूरोपीय समुदाय (यूरोपियन कम्युनिटी) का सुदृढ़ीकरण एवं प्रसार (iii) यूरोपियाई संघ |
सोवियत युनियन का विघटन एवं एक धुवीय विश्व का उदय : |
(i) सोवियत साम्यवाद एवं सोवियत यूनियन को निपात तक पहुंचाने वाले कारक, 1985-1991 (ii) पूर्वी यूरोप में राजनैतिक परिवर्तन 1989-2001 (iii) शीत युद्ध का अंत एवं अकेली महाशक्ति के रूप में US का उत्कर्ष |
UPSC History Syllabus In Hindi 2023 PDF Download-
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निकर्ष-
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